उन्होंने कहा कि व्यय किया हुआ धन इसी ही महीने की पहली तारीख से टिकट के जरिये बहुत तेजी से उनकी सरकार के पास वापस आना शुरू हो गया है।
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विकृत मार्ग पर व्यय की हुई अलक्ष्मी होती है, स्वार्थ में व्यय की हुई लक्ष्मी वित्त कहलाती है, परार्थे व्यय किया हुआ धनलक्ष्मी और प्रभुकायार्थ जो व्यय की जाती है वह महालक्ष्मी।